प्रदेश में अब ड्रग्स तस्करो कि खैर नहीं,आरोपियों के खिलाफ क्षेत्र के डीआई करेंगे जांच

देहरादून । उत्तराखंड राज्य में अब ड्रग इंस्पेक्टर को प्रदेश में नकली व नशीली दवाइयों की जांच करने व गिरफ्तार करने के अधिकार शासन द्वारा दिए गये हैं।अब प्रदेश में किसी भी जिले में वहां पर ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा नकली व नशीली दवाइयों की जांच कर आरोपियों के विरोध मुकदमा दर्ज उसकी पैरवी भी करेंगे पहले यह व्यवस्था थी शिकायत पर ड्रग इंस्पेक्टर मौके पर जाकर नकली व नशीली दवाई को पकड़ कर ड्रग्स इंपेक्टर द्वारा थाने मे आरोपियों के खिलाफ पकड़ी गई दवाईयो को लिखकर देकर चले जाते थे। पुलिस द्वारा आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जेल भेज देते थी पुलिस द्वारा दवाइयों के बारे में जानकारी ना होने से आरोपियों के खिलाफ सही ढंग से पैरवाई नहीं कर पाती थी जिससे आरोपी आराम से जेल से बाहर आ जाते थे इस मामले की गंभीरता को देखते हुये पूर्व में सुप्रीम कोर्ट ने नकली व नशीली दवाइयों की जांच पुलिस से नही कराने के आदेश दिए थे राज्य सरकार की स्वास्थ सचिव राधिका झा की ओर से एक अधिसूचना जारी करते हुए प्रदेश में अब ड्रग इंस्पेक्टरों को इस तरह के मामलों में जांच करने के अधिकार दे दिए है। उत्तराखंड के साथ ही देश के कई राज्यों में नशीली व नकली और मिलावटी दवाइयों केे पुलिस जांच कर रही है जिसमें ताजा मामला भगवानपुर का है यहां से नकली दवाओ का कारोबार सामने आया है और प्रदेश में नशीली दवाइयों का प्रचलन बढ़ रहा है और पुलिस द्वारा मुकदमे भी दर्ज कराये जा रहे है। लेकिन पुलिस सही ढंग से पैरवाई नहीं कर सकती है इसीलिए सरकार ने ड्रग एक्ट के साथ नारकोटिक्स एंड साइकोट्रैफिक दवा की जांच
ड्रग्स इंस्पेक्टर द्वारा की जा सकेगी और उन्हे ही पुलिस थाना प्रभारी के सम्मान का अधिकार दे दिया गया है इससे अब प्रदेश में नकली व प्रतिबंधित दवाइयों की खेप पकड़े जाने पर क्षेत्र के ड्रग्स इंस्पेक्टर् द्वारा आरोपियों के खिलाफ सही ढंग से पैरवी हो सकेगी और आरोपी जेल के अंदर ही रहने को मजबूर होगे।