भगवानपुर में भारत विकास परिषद द्वारा कांवड़ यात्रियों की सेवा हेतु निःशुल्क चिकित्सा एवं जलपान का लगाया शिविर

भगवानपुर में भारत विकास परिषद द्वारा कांवड़ यात्रियों की सेवा हेतु निःशुल्क चिकित्सा एवं जलपान का लगाया शिविर
tahalka1news
भगवानपुर । भारत विकास परिषद, मां चूड़ामणि देवी शाखा, भगवानपुर के तत्वावधान में सावन मास के पावन अवसर पर कांवड़ यात्रियों की सेवा हेतु आयोजित निःशुल्क चिकित्सा एवं जलपान शिविर के तीसरे दिन आज 500 से अधिक शिव भक्तों को लाभ प्रदान किया गया। शिविर में श्रद्धालुओं को नि:शुल्क औषधियां वितरित की गईं एवं जलपान की उत्तम व्यवस्था की गई।
इस अवसर पर भगवानपुर क्षेत्र की सम्मानित विधायक श्रीमती ममता राकेश ने शिविर स्थल पर पहुंचकर आयोजकों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि सावन मास में शिवभक्तों की सेवा करना अत्यंत पुण्यकारी कार्य है, जिससे भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
प्रांतीय महासचिव श्री संजय गर्ग ने जानकारी दी कि कांवड़ यात्रा के दौरान शिवभक्त गंगोत्री एवं हरिद्वार से पवित्र गंगाजल लाकर अपने-अपने क्षेत्र के शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं। यह यात्रा नंगे पांव, कठिन परिस्थितियों और प्रचंड गर्मी में पूर्ण आस्था एवं श्रद्धा के साथ पूरी की जाती है।
परिषद के संरक्षक श्री अशोक कुमार रतूड़ी ने बताया कि कांवड़ यात्रियों की सेवा का अर्थ है उनकी शारीरिक और मानसिक आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए उन्हें भोजन, जल, चिकित्सा व विश्राम की सुविधाएं उपलब्ध कराना। यह सेवा भाव मानवता के उच्चतम आदर्शों का प्रतीक है।
परिषद के अध्यक्ष श्री संजय पाल ने कहा कि इस प्रकार की सेवा न केवल धार्मिक कर्तव्य है, बल्कि समाज में आपसी एकता और सौहार्द को भी सुदृढ़ करती है।
परिषद की संरक्षिका एवं विद्यालय की पूर्व प्रधानाचार्या श्रीमती सुदेश अरोड़ा ने कांवड़ यात्रा को विश्व की सबसे बड़ी पैदल यात्रा बताते हुए कहा कि यह श्रद्धा, सहयोग और सहानुभूति का जीवंत उदाहरण है।
शिविर को सफल बनाने में परिषद के उपाध्यक्ष भीकम सिंह, सचिव श्रीमती कल्पना सैनी, वित्त सचिव पुष्पराज सिंह चौहान, संगठन सचिव सुधीर सैनी, ओम सिंह, वंशिका सैनी, मोनिका धीमान, निधि धीमान, निवेश सैनी, सैयद त्यागी, बृजमोहन, राजकुमार, रोहित, अशोक, तथा लोकेश आदि सदस्यों ने समर्पित भाव से सेवा प्रदान की।
यह शिविर न केवल शिवभक्तों के लिए राहत का स्रोत बना, अपितु समाज के प्रति दायित्व निर्वहन और सेवा भावना का उत्कृष्ट उदाहरण भी प्रस्तुत किया।