अधोमानक औषधियों पर मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार समीक्षा बैठक संपन्न

अधोमानक औषधियों पर मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार समीक्षा बैठक संपन्न
Tahalka1news
देहरादून । 30 जून 2025 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार विगत सप्ताह राज्य में निर्मित अधोमानक औषधियों से संबंधित समाचारों की पृष्ठभूमि में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में राज्य के औषधि विनिर्माण क्षेत्र के प्रमुख फर्मों के प्रबंध निदेशक, प्रतिनिधि एवं औषधि विनिर्माण संघ के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे।
बैठक की अध्यक्षता अपर आयुक्त एवं राज्य औषधि नियंत्रक द्वारा की गई। उन्होंने बैठक में उपस्थित प्रतिनिधियों को सी.डी.एस.सी.ओ. (CDSCO) पोर्टल पर प्रकाशित ड्रग अलर्ट के संबंध में जानकारी दी तथा विगत दिनों विभिन्न समाचार पत्रों में अधोमानक औषधियों के राज्य में निर्माण की खबरों से उत्पन्न नकारात्मक छवि पर चिंता व्यक्त की।
बैठक में औषधि विनिर्माण इकाइयों के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि ड्रग अलर्ट जारी करने से पूर्व समुचित जांच की प्रक्रिया का पालन अनिवार्य है। प्रतिनिधियों ने यह भी बताया कि कई मामलों में बिना अंतिम सत्यापन के औषधियों को अधोमानक घोषित कर दिया जाता है, जिससे न केवल फर्म की साख प्रभावित होती है, बल्कि राज्य की छवि पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है।
प्रतिनिधियों ने यह तथ्य भी प्रस्तुत किया कि कई बार नमूनों की जांच रिपोर्ट को फर्म द्वारा चुनौती देने पर वे नमूने मानकों के अनुरूप पाए गए हैं। इसके अतिरिक्त कुछ नमूने ऐसे भी पाए गए हैं जो संबंधित फर्म द्वारा निर्मित ही नहीं थे, जिससे यह आशंका उत्पन्न होती है कि वे सैंपल स्पूरियस (नकली/जाली) हैं तथा राज्य के बाहर कहीं अवैध रूप से निर्मित किए गए हैं।
ऐसा ही एक मामला हाल ही के ड्रग अलर्ट में सामने आया, जिसमें कूपर फार्मा द्वारा निर्मित Buprenorphine Injection को अधोमानक व स्पूरियस बताया गया, जबकि फर्म ने स्पष्ट किया कि यह उत्पाद उनके द्वारा निर्मित नहीं है तथा वह बिहार में अवैध रूप से बनाया गया प्रतीत होता है।
फर्म प्रतिनिधियों ने यह भी बताया कि उन्हें अब तक अधोमानक घोषित औषधियों के संबंध में जांच रिपोर्ट या नमूने उपलब्ध नहीं कराए गए हैं, जिससे सत्यापन अथवा चुनौती देने की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हो सकी है।
बैठक के दौरान औषधि निर्माण इकाइयों के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे गुणवत्ता के उच्चतम मानकों का पालन कर रहे हैं तथा किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों में संलिप्त व्यक्तियों पर कठोर कार्यवाही का पूर्ण समर्थन करते हैं।
इस अवसर पर राज्य औषधि नियंत्रक ने समस्त औषधि निर्माण इकाइयों को गुणवत्तायुक्त औषधि निर्माण सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया और यह आश्वासन भी दिया कि अवैध गतिविधियों में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।