पैग़म्बर ए इस्लाम हज़रत मोहम्मद साहब के नवासे व परिवार की कर्बला में हुई शहादत व कुर्बानी को किया याद

पैग़म्बर ए इस्लाम हज़रत मोहम्मद साहब के नवासे व परिवार की कर्बला में हुई शहादत व कुर्बानी को किया याद
तहलका1न्यूज ब्यूरो
देहरादून । मोहर्रम के अवसर पर देहरादून में शिया व सुन्नी मुसलमानों द्वारा पैग़म्बर ए इस्लाम हज़रत मोहम्मद साहब के नवासे औऱ उनके परिवार की कर्बला में हुई शहादत व कुर्बानी को याद कर उनको श्रद्धांजलि पेश की गई । ग़ांधी रोड इनामुल्ला बिल्डिंग के निकट इमाम बारगाह में अंजुमन मोईनुल मोमिनीन देहरादून की ओर से अलमदार ए कर्बला हज़रत अब्बास की शहादत पर मजलिस अज़ादारी और मातम किया गया और आलम व ताबूत बरामद किए गए।अंजुम के सदर सय्यद कल्बे हैदर जैदी ने हज़रीन ए मजलिस को खिताब करते हुए कहा कि कर्बला की जंग इंसानियत को बचाने के साथ साथ सत्य और असत्य के बीच लड़ाई थी।
जिसके परिणाम स्वरूप हज़रत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की मनोवैज्ञानिक विजय और अद्वितीय बलिदान को कयामत तक याद किया जायेगा।मजलिस में सरपरस्त अफ़सर हसन नक़वी,सचिव अंजुमन सिकन्दर नक़वी,अज़ादारी सचिव शहंशाह आलम नक़वी,कोषाध्यक्ष जिल्ले हसन,मजलिस सचिव अफ़ज़ल मेहदी, आदि ने मातम के साथ नोहा ख़्वानी और मसायब बयान किये गये है। सुन्नी समुदाय की ओर से अंजुमन सकलैनी की ओर से मौलाना अशरफ़ क़ादरी ने आयोजित संगोष्ठी में बोलते हुए कहा कि हज़रत इमाम हुसैन की कुर्बानी को याद किया जाता है।
वही अंतरराष्ट्रीय शायर अफ़ज़ल मंगलोरी ,असलम खतौलवी, आदि ने इमाम हुसैन की शान में मनकबत पेश की।संगोष्ठी में सयैद नफिसुल हसन,मंज़ूर बेग, मुदस्सिर साबरी, मज़ाहिर साबरी ,शादाब खान,हसनैन खान आदि मौजूद रहे।अंजुमन मोईनुल मोमिनीन के सचिव सिकन्दर नक़वी ने बताया है कि 10 मोहर्रम 29 जुलाई को देहरादून की बड़ी इमाम बारगाह करणपुर से ताज़िये का जुलूस निकाला जायेगा और वह तिब्बती मार्केट, लैंसडाउन चौक से होते हुए इनामुल्ला बिल्डिंग गांधी पर आ कर सम्पन्न होगा। मुहर्रम के इस जुलूस में नोहा ख़्वानी और सोज़खानी के लिए कई अंजुमनों के नुमाईंदे शिरकत करेंगे।
वही रुड़की, मंगलौर व कलियर आसपास के क्षेत्र अरबी कलेंडर के मुताबिक मोहर्रम चांद की नौ तारीख की शाम को मजलिसों के साथ ताजियों को बाहर निकाला गया और चांद की दस तारिख को अखाड़ों के जुलूस के साथ ताजियों को करबला ले जाकर वहां पर उन्हें सुपुर्द ए खाक किया जाएगा।इसके अलावा हजरत इमाम हुसैन की याद मे रातभर मजलिसों का आयोजन किया गया और सुबह शनिवार को दाल व गेहूं की खीचड़ी पर फातिहा ख्वानी कर अकीदमंदो मे बाटा गया।परंपरागत के अनुसार पिरान कलियर मे मोहर्रम चांद की नौ तारिख की शाम को ताजियों को बाहर निकाला जाता है और मोहर्रम चांद की दस तारिख को छह बजे के लगभग अखाड़ों के जुलूस के साथ ताजियों को करबला ले जाकर सुपुर्द ए खाक किया जाता है।इसके अलावा कलियर मे चार अखाड़ों का जुलूस निकाला जाता है,जिसमें झोझा समाज,तेली समाज,रावजियान समाज,साबरी अखाड़ा आदि जुलूस निकालें जातें है और यह अखाड़ों के जुलूस कलियर के मोहल्लों से निकल कर चार बजे के लगभग गंग नहर कांवड़ पटरी कलियर स्थित एकत्रित होतें है और यहां पर शाम छह बजे तक अखाड़ों का आयोजन होता है और उसकें बाद सभी ताजियों को करबला ले जाया जाता है,जहां पर उन्हें सुपुर्द ए खाक किया जाता है।ताजियों को सुपुर्द ए खाक करने के बाद अकीदमंदो द्वारा तबर्रुक पर फातिहा ख्वानी कराई जाती है और फीर उसें बाटा जाता है।
कलियर थाना प्रभारी जहाँगीर अली बताया है कि आगामी मोहर्रम को देखते हुए थाना क्षेत्र में एक्स्ट्रा फोर्स लगाई गई है जो वह ताजियों व अखाड़ों के दौरान किसी भी तरह का हुडदंग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,और असामाजिक तत्व द्वारा माहौल खराब करने पर उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।