July 9, 2025 08:58:36 pm

हीमोफीलिया सोसायटी देहरादून चैप्टर ने किया वार्षिक मीटिंग का आयोजन, हिमोफीलिया से पीड़ित ढाई सौ पीड़ितों ने लिया हिस्सा, संस्था वर्षों से इस बीमारी की रोकथाम के लिए निशुल्क उपलब्ध करा रही है इंजेक्शन

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chief editor: -अब्दुल सत्तार
tahalka1news

देहरादून। हीमोफिलिया सोसाइटी देहरादून चैप्टर की वार्षिक मीटिंग निरन्तर मेडिकल एजुकेशन कार्यक्रम देहरादून में इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियर के सभागार में आयोजित किया गया। मीटिंग मे मुख्य अतिथि के तोर पर डा. ज्योति पाठक नोडल आफिसर स्वास्थय विभाग उत्तराखण्ड सासन ने भाग लिया है।इस कार्येक्रम मे 250 पीड़ितो ने हिस्सा लेकर इस दुर्लभ बीमारी से होने वाले नफा नुकशान की जानकारी जुटाई । क्योंकि हीमोफिलिया एक दुर्लभ किस्म की बीमारी होती है। इसीलिए यहां पर 200 से ज्यादा पीड़ितों की रक्त की जांच जौलीग्रांट हॉस्पिटल से डॉ मानसी काला के नेतृत्व मे संस्था के माध्यम कराई गई है।और साथ ही संस्था के माध्यम से सभी पीड़ितों को knee cap व एक बैग का भी वितरण किया गया है ।

.      बता दे की यह संस्था पूरे प्रदेश के हीमोफिलिया पीड़ितों के उत्थान के लिए कार्य करने वाली एक मात्र संस्था है। हीमोफिलिया एक प्रकार का रक्त विकार होता है जिसमें पीड़ित व्यक्ति का अंदरूनी या बाहय चोट लगने पर रक्तश्राव होता रहता है। यह एक प्रकार का प्रोटीन फेक्टर होता है जिसको VII, IX व VIII का इंजेक्शन देने की बार-बार आवश्कता पड़ती है। उपचार के अभाव में पीड़ित की जान जाने या विकलांग होने की संभावना बनी रहती है। इस कार्यक्रम में 250 से अधिक पीड़ित परिवार ने प्रतिभाग किया। करीब 200 से ज्यादा पीड़ितों के रक्त की जांच जोलीग्रांट अस्पताल से आई डॉ. मानसीकाला के नेतृत्व में संस्था के माध्यम से निःशुल्क जांच कराई गई। यह एक जटिल दुर्लभ जांच है जिसे समय-समय पर करवाना जरूरी होता है। इस कार्यक्रम में AIIMS ऋषिकेश से डॉ उत्तमनाथ एवं डॉ आवृति ने हीमोफिलिया से संबन्धित बीमारी के विषय में जानकारी दी। डा. ज्योति पाठक के द्वारा संस्था के प्रयासों को हीमोफिलिया उत्थान के लिए कार्ये को सराहा गया है।

.     बैठक में कार्यकारिणी के समस्त सदस्य जिनमें प्रधान डॉ जे.पी. शर्मा, सचिव दीपक सिंघल, कोषाध्यक्ष CA संजीव गोयल, प्रवीन जोशी, हृदसांश, बसंत गुप्ता, शीतल मंदौली, पुष्पा जोशी एवं रवि मेहता उपस्थित रहे।

आपको बता दे यह संस्था फिलहाल उत्तराण्ड के दूरदराज के अस्पताल मे संस्था के प्रयासो से यह इंजेक्शन निःशुल्क उपलब्ध करा रही है। लेकिन अभी भी इस पर काफी कार्य व जागरूकता की आवश्यकता है।

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